भारत भूमि, जो अनेको वरसॉ से संतो – महंतो की भूमि रही है. यहां पर ऐसे कई तीर्थस्थल मौजूद है जिनका अपना धार्मिक महत्व है…और उनसे लाखो – करोड़ो हिन्दुओ की आस्था जुड़ी हुई है. ऐसा ही एक तीर्थस्थल आंध्रप्रदेश में है. आंध्रप्रदेश के दक्षिण में कृष्णा जिले के श्रीशैल पर्वत पर स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग.( mallikarjuna jyotirlinga) श्रीशैलम पर्वत जिसे दक्षिण का कैलाश पर्वत भी माना जाता है.
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर-somnath jyotirling mandir | गुजरात-gujarat |
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर-mallikarjun jyotirling mandir | आंध्र प्रदेश-andhra pradesh |
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर-mahakaleshwar jyotirling mandir | मध्य प्रदेश-madhay pradesh |
ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर – omkareshvar jyotirling mandir | मध्य प्रदेश-madhay pradesh |
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर-kedarnath jyotirling mandir | उत्तराखंड-uttarakhand |
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर-bhimashankar jyotirling mandir | महाराष्ट्र-maharashtra |
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर-vishvanath jyotirling mandir | उत्तर प्रदेश-uttar pradesh |
त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर-trimbkeshwar jyotirling mandir | महाराष्ट्र-maharashtra |
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर-nageshwar jyotirling mandir | गुजरात-gujarat. |
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर – vaidhyanath jyotirling mandir | जारखंड – jharkhand |
रामेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर-rameshwar jyotirling mandir | तमिलनाडु-tamilanadu |
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर – ghrishneshwar jyotirling mandir | महाराष्ट्र – maharastra |
Hurry Up!मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का इतिहास – mallikarjuna jyotirlinga history
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग(mallikarjuna jyotirlinga) के निर्माण का वर्णन शिवपुराण के कोटिरुद्रसंहिता में मिलता है. इस ज्योतिर्लिंग का संबंध महादेव के बड़े बेटे कार्तिकेय जी से जुड़ा हुआ है. शिवपुराण के अनुसार प्रजापति विस्वरू श्री गणेशजी के साथ अपनी दोनों पुत्रियो के विवाह की कामना लेकर कैलाश पर्वत पहुचे. महादेव और माता पार्वती ने प्रजापती जी का प्रस्ताव स्वीकार किया. पर नियम के अनुसार बड़े भाई के पहले छोटे भाई का विवाह नही हो सकता…इसीलिए बड़े भाई कार्तिकेय कैलाश पर्वत छोड़ कर चले गए. क्योकि कार्तिकेय नही चाहते थे कि वह अपने छोटे भाई के किसी भी शुभ काम मे बाधा बने.
वर्तमान मल्लिकार्जुन मंदिर का निर्माण – mallikarjuna jyotirlinga
मंगला वाध्यम | 4:30 A.M. TO 5:00 A.M A.M. |
सुप्रभातम | 5:00 A.M. से 5:15 A.M. |
प्रति:कला पूजा, गौ पूजा और महा मंगला आरती | 5:15 A.M. से 6:30 P.M. |
भक्तो द्वारा पूजा, अभिषेक और दर्शन | 6:30 A.M. TO 1:00 P.M. |
अलंकार दर्शन | 1:00 P.M से 3:30 P.M. |
मंगल वाध्य | 4:30 P.M. TO 4:50 P.M. |
प्रदोषकाल पूजा | 4:50 P.M से 5:20 P.M. |
सुसंध्यम और महा मंगला आरती | 5:20 P.M. TO 6:00 P.M. |
राजोपचार पूजा (भ्रामराम्बा देवी की) | 5:50 P.M. TO 6:20 P.M. |
भक्तो द्वारा पूजा और दर्शन | 6:20 P.M.TO 9:00 P.M. |
1. Where is Mallikarjuna Jyotirlinga temple located.
:- Mallikarjuna Jyotirlinga Temple is a Hindu temple located in Andhra Pradesh. This temple is on the Srisailam mountain in Krishna district in Andhra Pradesh.
2. Who built the present Mallikarjuna temple.
:- Most of the present Mallikarjuna Jyotirlinga temple was built by Rajavi Harihar Maharaj of Vijayanagara Empire.
3. Why is Shri Shail mountain called Kailash of the south.
:- Here Lord Shiva and Mother Parvati stayed here for a long time leaving Kailash, hence Shri Shailam mountain is called Kailash of South.
4.When was the present Mallikarjuna Jyotirlinga discovered?
:- The present Mallikarjuna Jyotirlinga temple was discovered in the second century. This temple was discovered on the basis of some evidence of the Kingdom of Satavahana.
Mallikarjun Jyotirling Temple
Patal Ganga
Bhramramba Devi Mandir
Bhramramba Devi Live Darshan
Mallela Theertham Waterfoll
Srisailam Dam