मेहंदीपुर बालाजी मंदिर।। राजस्थान | history of mehandipur balaji temple

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मेहंदीपुर बालाजी मंदिर।। राजस्थान | history of mehandipur balaji temple

आप जानते हैं कि, भारत एक अनोखा, लोकप्रिय और बहुत ही संस्कृति और धार्मिक
मान्यता में मानने वाला देश है. और भारत देश में कुछ जगह ऐसी भी है, जहां भगवान
के बहुत ही चमत्कार देखने को मिलते हैं. ऐसे चमत्कार के कारण आज भारत देश विश्व
विख्यात है.
आज हम ऐसे चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहा है. जो भारत भर में बहुत
प्रसिद्ध है. मेहंदीपुर बालाजी के  मंदिर Mehandipur balaji temple में
शैतानी ताकतों को इंसान के शरीर में से सजा सुना के बाहर निकाला जाता है.
मनुष्य के जीवन में दो प्रकार की ऊर्जा होती है, सकारात्मक और नकारात्मक.
जिसमें सकारात्मक ऊर्जा का नेतृत्व स्वयं महाबली हनुमान जी करते है.  तो
और कहना ही क्या,
मेहंदीपुर बालाजी धाम Mehandipur balaji dham  दोसा जिले में जयपुर से 109
किलोमीटर दूर और बांदीकुई रेलवे स्टेशन से 36 किलोमीटर दूर मेहंदीपुर शहर
Mehandipur city में स्थित है. यह मंदिर जहां कई रूहानी ताकतों में वष हुए लोग
एक चमत्कारिक अनुभव ले जाते है. 
यह एक ऐसा मंदिर है, जहां हार माना हुआ आधुनिक विज्ञान जो लोगों को नए चमत्कार
और पीड़ा से मुक्त होते हुए देख रहा है.इस मंदिर में  शनिवार और मंगलवार
को भक्तों का मेला लगा हुआ होता है.
 यह बालाजी का मंदिर Balaji temple आज से लगभग 1000 साल पुराना है…और यह
मंदिर को घाटा मेहंदीपुर Ghata Mehandipura भी कहते हैं .क्योंकि, यह मंदिर दो
पहाड़ी के बीच में स्थित है. कहा जाता है, यहां  पहले कोई मंदिर स्थित
नहीं था. मगर एक बार मंदिर के महंत  के किसी पूर्वज को बालाजी balaji ने
स्वप्न में दर्शन देकर मंदिर का निर्माण करने का और उपासना करने का आदेश दिया.
और ज्यादातर लोगों का मानना यह है कि, मंदिर की प्रतिमा पहाड़ी से उभरी हुई थी
यहां कुछ चमत्कार होने के कारण देश के कोने-कोने से श्रद्धालु और आत्मा में वश
हुए इंसान यहां माथा टेकने के लिए आते हैं. और वह ठीक हो कर प्रसन्नता के साथ
घर चले जाते हैं. 
यहां बालाजी के मंदिर Balaji temple के साथ प्रीत नाथ Prit nath और भैरव नाथ का
मंदिर bhairavnath temple भी स्थित है. इनके पीछे प्रेतराज का मंदिर है, जो
बालाजी balaji केसेना के  प्रधान भी माने जाते हैं. अपराधी के भूत प्रेत
को निकालने की व्यवस्था यही की जाती है. भूत प्रेत को निकालने की शुरुआत बालाजी
के प्रसाद के लड्डू से होती है. 
जिसे इंसान अजीबोगरीब हरकत करने लगता है…और फिर प्रेतराज के मंदिर भेजा जाता
है. और बुरी ताकतों को दंड दिया जाता है. यह प्रक्रिया इतनीे डरावनीे होती है
की, अब अगर अपनी आंखो से देखते हैं तो आप खुद बहुत भयभीत हो जाते है.
विज्ञान भी देखकर हैरान रहता है कि, बालाजी का प्रसाद खाने से लोग बहुत
अजीबोगरीब हरकत करने लगते हैं…और बाद में ठीक होकर चले भी जाते हैं. यह भी
उनके खिलाफ है, मगर कुछ भी हो इंसान यहां सब ठीक होकर संतुष्टि के साथ घर चला
जाता है.
।जय बजरंगबली।

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