पद्मश्री भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को दिये जाने वाला सन्मान है, जो
समाज सेवा, उद्योग, चिकित्सा और साहित्य में उनके विशिष्ट योगदान को ध्यान में
रखकर दिया जाता है. पद्मश्री भारत का चौथा सर्वोच्च सम्मान है.
समाज सेवा, उद्योग, चिकित्सा और साहित्य में उनके विशिष्ट योगदान को ध्यान में
रखकर दिया जाता है. पद्मश्री भारत का चौथा सर्वोच्च सम्मान है.
परंतु 2020 में पद्मश्री ( Padma shri 2020 ) से सम्मानित किये गये लोगो की सूची
देखेंगे तो आपको भी हैरानी होगी. क्योकि, पद्मश्री की यह सूची में एक भी बॉलीवुड
अभिनेता, पॉलिटिशियन या क्रिकेटर नही है. पद्मश्री से सम्मानित यह मेरे और आपकी
तरह एक सामान्य व्यक्ति है.
देखेंगे तो आपको भी हैरानी होगी. क्योकि, पद्मश्री की यह सूची में एक भी बॉलीवुड
अभिनेता, पॉलिटिशियन या क्रिकेटर नही है. पद्मश्री से सम्मानित यह मेरे और आपकी
तरह एक सामान्य व्यक्ति है.
Padma shri award 2020 list
•जगदीश लाल आहूजा
85 वर्षीय जगदीश लाल आहूजा चंडीगढ़ के रहने वाले है. जगदीश लाल आहूजा को चंडीगढ़
में ‘लंगर बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है. जगदीश लाल आहूजा को अपने सराहनीय
सामाजिक सेवा के लिए पद्मश्री जैसे अवॉर्ड के लिए चुने गए है.
में ‘लंगर बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है. जगदीश लाल आहूजा को अपने सराहनीय
सामाजिक सेवा के लिए पद्मश्री जैसे अवॉर्ड के लिए चुने गए है.
जगदीश लाल आहूजा के बारे में बताया जाता है कि, भूखे और जरूरियात मंद लोगो की
सेवा के लिए उन्होंने अपनी 35 जमीन भी बेच दी थी. जगदीश लाल आहूजा लगभग पिछले 36
सालों से भूखे और जरूरियात मंद लोगो की सेवा और उन्हें खाना खिलाने के काम करते
है.
सेवा के लिए उन्होंने अपनी 35 जमीन भी बेच दी थी. जगदीश लाल आहूजा लगभग पिछले 36
सालों से भूखे और जरूरियात मंद लोगो की सेवा और उन्हें खाना खिलाने के काम करते
है.
•मुज्जिक्कल पंकजाक्षी
मुज्जिक्कल पंकजाक्षी केरल की रहने वाली है. मुज्जिक्कल पंकजाक्षी केरल की आखरी
जीवित नोकुविद्या पक्कक्कली है. (कठपुतलीयो का एक अनूठा रूप जो सदियों पुराना
है.)
जीवित नोकुविद्या पक्कक्कली है. (कठपुतलीयो का एक अनूठा रूप जो सदियों पुराना
है.)
पद्मश्री मुज्जिक्कल पंकजाक्षी का कहना है कि, नोकुविद्या पक्कक्कली शिखने के लिए
काफी धैर्य और एकाग्रता की जरूरत होती है.
काफी धैर्य और एकाग्रता की जरूरत होती है.
•राहिबाई पोपरे
राहिबाई पोपरे महाराष्ट्र की रहने वाली है. राहिबाई पोपरे को ‘सीड मदर’ और ‘बीज
माता’ के नाम से भी जाना जाता है. राहिबाई पोपरे को यह सम्मान जैविक खेती के
क्षेत्र में कार्य करने की वजह से मिला है.
माता’ के नाम से भी जाना जाता है. राहिबाई पोपरे को यह सम्मान जैविक खेती के
क्षेत्र में कार्य करने की वजह से मिला है.
राहिबाई पोपरे 56 साल की हो चुकी है परंतु, वह जैविक खेती के कार्य मे पिछले कई
वर्षों से लगी हुई है. हालांकि, वह कभी भी स्कूल नही गई.
वर्षों से लगी हुई है. हालांकि, वह कभी भी स्कूल नही गई.
•मोहम्मद शरीफ
मोहम्मद शरीफ सुल्तानपुर के रहने वाले है. मोहम्मद शरीफ को यह सम्मान समाज सेवा
के कार्य को ध्यान में रख कर दिया जा रहा है. चचा के नाम से मशहूर मोहम्मद शरीफ
आज 80 वर्ष के हो चले है.
के कार्य को ध्यान में रख कर दिया जा रहा है. चचा के नाम से मशहूर मोहम्मद शरीफ
आज 80 वर्ष के हो चले है.
मोहम्मद शरीफ ने आज तक 6000 शवो का अंतिम संस्कार कर चुके है. जिनमे 3000 हिन्दू
और 2500 मुस्लिम शवों शामिल है. मोहम्मद शरीफ का कहना है कि, वह यह नही देखते
की,यह हिन्दू है या मुस्लिम है, वह सिर्फ इंसान देखते है.
और 2500 मुस्लिम शवों शामिल है. मोहम्मद शरीफ का कहना है कि, वह यह नही देखते
की,यह हिन्दू है या मुस्लिम है, वह सिर्फ इंसान देखते है.
•रवि कानन
रवि कानन चैन्नई के रहने वाले एक सर्जिकल ओकोलॉजिस्ट है. रवि कानन कैंसर के
मरीजों का मुफ्त में इलाज करते है. रवि कानन आज तक 70,000 से भी ज्यादा कैंसर
मरीजो का मुफ्त में इलाज कर चुके है.
मरीजों का मुफ्त में इलाज करते है. रवि कानन आज तक 70,000 से भी ज्यादा कैंसर
मरीजो का मुफ्त में इलाज कर चुके है.
•उषा चोमेर
उषा चोमेर राजस्थान के अलवर जिले की रहने वाली है. एक समय में समाज मे किसी को छू
लेना भी उनके लिए अपराध माना जाता था वही लोग आज उनका सम्मान करते है. उषा चोमेर
सर पर मैला ढोने का काम करती है.
लेना भी उनके लिए अपराध माना जाता था वही लोग आज उनका सम्मान करते है. उषा चोमेर
सर पर मैला ढोने का काम करती है.
•हरेकाला हजब्बा
हरेकाला हजब्बा भारत के कर्नाटक के रहने वाले है. हरेकाला हजब्बा कभी स्कूल नही
जा पाए है, तो उन्होंने अपनी सारी कमाई स्कूल बनाने में जौत दी है. हरेकाला
हजब्बा कर्नाटक में फ्रूट बेचने का काम करते है.
जा पाए है, तो उन्होंने अपनी सारी कमाई स्कूल बनाने में जौत दी है. हरेकाला
हजब्बा कर्नाटक में फ्रूट बेचने का काम करते है.
हरेकाला हजब्बा कर्नाटक में दक्षिण कन्नडा के न्यू पडापू गॉव में रहते है.
हरेकाला हजब्बा यह सराहनीय कार्य को IFS प्रवीण केशवान ने अपने ट्विटर अकाउंट से
ट्वीट किया था.
हरेकाला हजब्बा यह सराहनीय कार्य को IFS प्रवीण केशवान ने अपने ट्विटर अकाउंट से
ट्वीट किया था.
•तुलसी गोडा
तुलसी गोडा को ‘एनसाइक्लोपीडिया ऑफ दफॉरेस्ट’ के नाम से भी जाना जाता है. 60
वर्षिय तुलसी गोडा कभी भी स्कूल नही गई परंतु, पर्यावरण को बचाने में उनके योगदान
देख पढ़े लिखे लोग भी भौचक्के रह जाते है. तुलसी गोडा एक मशहूर पर्यावरणविद है.
वर्षिय तुलसी गोडा कभी भी स्कूल नही गई परंतु, पर्यावरण को बचाने में उनके योगदान
देख पढ़े लिखे लोग भी भौचक्के रह जाते है. तुलसी गोडा एक मशहूर पर्यावरणविद है.
•सुंदरम वर्मा
सुंदरम वर्मा राजस्थान में सीकर जिले के दांता गॉव के रहने वाले है. सुंदरम वर्मा
एक पर्यावरणविद और कृषि वैज्ञानिक है. सुंदरम वर्मा को ‘ड्रायलैंड
एग्रोफ़ोरेस्ट्री’ तकनीक को विकसित करने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा
है. यह तकनीक शुष्क क्षेत्रों में वृक्षारोपण के लिए कारगर है.
एक पर्यावरणविद और कृषि वैज्ञानिक है. सुंदरम वर्मा को ‘ड्रायलैंड
एग्रोफ़ोरेस्ट्री’ तकनीक को विकसित करने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा
है. यह तकनीक शुष्क क्षेत्रों में वृक्षारोपण के लिए कारगर है.
•मुन्ना मास्टर
मुन्ना मास्टर राजस्थान के जयपुर में रहने वाले है. मुन्ना मास्टर का असली नाम
रमजान खान है. मंदिरों और मस्जिदों में भजन और गौसेवा के कार्य को ध्यान में रखकर
मुन्ना मास्टर को पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है.
रमजान खान है. मंदिरों और मस्जिदों में भजन और गौसेवा के कार्य को ध्यान में रखकर
मुन्ना मास्टर को पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है.
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