हमारे देश में ऐसे कई राज दफन है जिसे सुलझा ने जाए तो वह उतना ही उलझ जाता है.
ऐसा ही एक राज दफन है, राजस्थान के जैसलमेर जिले के छोटे कुलधरा गांव में.
जिसको भूतिया गांव माना जाता है.जहां कई राज दफन हुए हैं और जो इंसान रात के समय
वहां पर गया तो कभी लौट कर वापस नहीं आया. यह किससे सुनकर लोग दिन में भी जाने से
डरते हैं.
ऐसा ही एक राज दफन है, राजस्थान के जैसलमेर जिले के छोटे कुलधरा गांव में.
जिसको भूतिया गांव माना जाता है.जहां कई राज दफन हुए हैं और जो इंसान रात के समय
वहां पर गया तो कभी लौट कर वापस नहीं आया. यह किससे सुनकर लोग दिन में भी जाने से
डरते हैं.
कुलधरा गांव राजस्थान के जैसलमेर जिले से 18 किलोमीटर दूरी पर है. सदियों पहले
यहां पर पालीवाल ब्राह्मणों का हंसता खेलता गांव यहां पर बसा हुआ था. मगर एक
श्राप के कारण गांव रातो रात गायब हो गया और आज खौफनाक गांव बन चुका है.
यहां पर पालीवाल ब्राह्मणों का हंसता खेलता गांव यहां पर बसा हुआ था. मगर एक
श्राप के कारण गांव रातो रात गायब हो गया और आज खौफनाक गांव बन चुका है.
कहां जाता है 1291 में 600 परिवार के साथ पालीवाल ब्राह्मणों ने गांव बसाया था.
उस समय भी कुलधरा गांव का निर्माण एक वैज्ञानिक तरीके से हुआ था. उनके घर
का निर्माण इट और पत्थर से इस तरह से हुआ था की, गर्मी का एहसास ही ना हो. इस
गांव के लोग का मुख्य पेशा खेती और पशुपालन था.
उस समय भी कुलधरा गांव का निर्माण एक वैज्ञानिक तरीके से हुआ था. उनके घर
का निर्माण इट और पत्थर से इस तरह से हुआ था की, गर्मी का एहसास ही ना हो. इस
गांव के लोग का मुख्य पेशा खेती और पशुपालन था.
लेकिन यह लोग बड़ी शांति से अपना जीवन गुजारते थे. मगर ऐसा क्या हुआ
कि रातों-रात वह गांव वीरान हो गया. तो इसकी वजह यह थी वहां का दीवान सालिम
सिंह बड़ा ही अय्याश इंसान था. उसकी 7 शादीया हो चुकी थी फिर भी वह गांव की
मुखिया की बेटी को पाना चाहता था.
कि रातों-रात वह गांव वीरान हो गया. तो इसकी वजह यह थी वहां का दीवान सालिम
सिंह बड़ा ही अय्याश इंसान था. उसकी 7 शादीया हो चुकी थी फिर भी वह गांव की
मुखिया की बेटी को पाना चाहता था.
उसके प्यार में इतना मंत्रमुग्ध हो गया था कि उसे पाने के लिए किसी भी हद
तक जा सकता था…और एक बार तो उसको पाने की चाहत में उसने गांव वालों को अगली
पूर्णिमा तक लड़की को अपने हवाले भेजने को कहा. वरना वह गांव पर हमला बोल देगा और
लड़की को उठाकर ले जाएगा.
तक जा सकता था…और एक बार तो उसको पाने की चाहत में उसने गांव वालों को अगली
पूर्णिमा तक लड़की को अपने हवाले भेजने को कहा. वरना वह गांव पर हमला बोल देगा और
लड़की को उठाकर ले जाएगा.
गांव वालों के लिए यह तो बहुत बड़ी मुसीबत हो गई थी कि, एक तरफ उनका गांव बचाना
था. और दूसरी तरफ उनकी बेटी इसका फैसला करने के लिए 8 गांव के लोग एक मंदिर में
इकट्ठे हुए और फिर उन्होंने फैसला लिया की वह गांव की बेटी को सालिम सिंह के
हवाले कभी नहीं करेंगे…और फिर रात को ही रात गांव खाली करने का फैसला कर दिया
है…और फिर उसी रात 5000 लोग गांव खाली कर कर चले गए और जाते-जाते यह
श्राप दे दिया की कोई भी इस गांव में बस नहीं पाएगा.
था. और दूसरी तरफ उनकी बेटी इसका फैसला करने के लिए 8 गांव के लोग एक मंदिर में
इकट्ठे हुए और फिर उन्होंने फैसला लिया की वह गांव की बेटी को सालिम सिंह के
हवाले कभी नहीं करेंगे…और फिर रात को ही रात गांव खाली करने का फैसला कर दिया
है…और फिर उसी रात 5000 लोग गांव खाली कर कर चले गए और जाते-जाते यह
श्राप दे दिया की कोई भी इस गांव में बस नहीं पाएगा.
कुलधरा में 600 से अधिक घर के अवशेष आज भी मौजूद है. जिनमें एक मंदिर, चार तालाब
और कई सारे कुएं भी मौजूद है. 2 दशक पहले राजस्थान सरकार ने कुलधरा गांव को
अपने अधिकार में ले लिया था. जब पर्यटक यहां पर घूमने के लिए आती है, तब उन्हें
लोग की चहल पहल सुनाई देती है.
और कई सारे कुएं भी मौजूद है. 2 दशक पहले राजस्थान सरकार ने कुलधरा गांव को
अपने अधिकार में ले लिया था. जब पर्यटक यहां पर घूमने के लिए आती है, तब उन्हें
लोग की चहल पहल सुनाई देती है.
बाजार में औरतों की चूड़ियों की आवाज और उनके बात करने की आवाज भी सुनाई देती है.
उसके अलावा गांव में कुछ ऐसी जगह है जहां ज्यादा खौफनाक अनुभव हुए हैं. कुछ
समय पहले उन्हें मंदिर की तिजोरी से कुछ सोने के सिक्के और कीमती चीज मिली
जिन्हें सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया है.
उसके अलावा गांव में कुछ ऐसी जगह है जहां ज्यादा खौफनाक अनुभव हुए हैं. कुछ
समय पहले उन्हें मंदिर की तिजोरी से कुछ सोने के सिक्के और कीमती चीज मिली
जिन्हें सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया है.
सरकार ने गांव के बाहर एक भाटा लगा दिया है. जहां सुबह पर्यटक को घूमने
दिया जाता है…और रात के समय गेट को बंद कर दिया जाता है. और प्रवेश वर्जित माना
जाता है. पालीवाल ब्राह्मणों का श्राप का असर आज भी यहां पर देखा जाता है. जो भी
इस गांव में बसने की कोशिश की उसके साथ कुछ ना कुछ अनहोनी होती है. जिससे वह गांव
छोड़कर चला जाता है. या तो फिर वह मारा जाता है.
दिया जाता है…और रात के समय गेट को बंद कर दिया जाता है. और प्रवेश वर्जित माना
जाता है. पालीवाल ब्राह्मणों का श्राप का असर आज भी यहां पर देखा जाता है. जो भी
इस गांव में बसने की कोशिश की उसके साथ कुछ ना कुछ अनहोनी होती है. जिससे वह गांव
छोड़कर चला जाता है. या तो फिर वह मारा जाता है.
कहां जाता है, इस घर के नीचे 100 सुरंगे है जिसका उपयोग पालीवाल ब्राह्मणो
ने यहां से भागने के लिए किया था. जिसे सालिम सिंह को पता ना चल सके
कई बार लोगों ने उन सुरंगो मैं जाकर खजाना ढूंढने की कोशिश की मगर मैं लौट कर कभी
भी वापस नहीं आए. paranormal force ने इस गांव के रहस्य को जानने की कोशिश की मगर
वह भी उस हादसे का शिकार हुई फोर्स के एक व्यक्ति ने बताया कि उसके कंधे पर
किसी ने हाथ रखा था.
ने यहां से भागने के लिए किया था. जिसे सालिम सिंह को पता ना चल सके
कई बार लोगों ने उन सुरंगो मैं जाकर खजाना ढूंढने की कोशिश की मगर मैं लौट कर कभी
भी वापस नहीं आए. paranormal force ने इस गांव के रहस्य को जानने की कोशिश की मगर
वह भी उस हादसे का शिकार हुई फोर्स के एक व्यक्ति ने बताया कि उसके कंधे पर
किसी ने हाथ रखा था.
और उसने जैसे मुड़कर देखा तो पीछे कोई नहीं था इसे साफ पता चलता है. किस
गांव में कुछ ना कुछ अदृश्य ताकते जरूर है और कई बार मशीन से आत्मा
के नाम की आवाज भी सुनाई देती है. एक बार तो टीम के गाड़ी के ऊपर बच्चों के
हाथ के निशान भी दिखाई दिए सरकार ने भी गांव के बाहर बोर्ड बना दिया है कि, रात
के समय इस गांव में प्रवेश वर्जित है.
गांव में कुछ ना कुछ अदृश्य ताकते जरूर है और कई बार मशीन से आत्मा
के नाम की आवाज भी सुनाई देती है. एक बार तो टीम के गाड़ी के ऊपर बच्चों के
हाथ के निशान भी दिखाई दिए सरकार ने भी गांव के बाहर बोर्ड बना दिया है कि, रात
के समय इस गांव में प्रवेश वर्जित है.
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